चक्रबात
चक्रबात (अंग्रेजी: इक्लोन) घूरतअ हुअ बायुराशि केरौ नाँव छेकै। जे एकगो केंद्र के चारो ओर चक्कर लगाबै छै। केंद्र मँ हबा केरौ दबाब कम होला सँ आरो एकहरे ओर बाकी दिसा सँ हबा पहुँचै के कोसिस करै छै आरो पृथ्वी केरौ अपनौ धुरी प निच्चे केरौ कारण हवा सीधा-सीधा यहा कम दबाब के क्षेत्र के ओर ना पहुँचै छै बलुक गोलाई काटी क पहुँचै छै।
सभसँ बड़ौ आकार के चक्रवात ध्रुवीय क्षेत्र ल बनै वाला घुमिराव क्षेत्र होय छै आरो समशीतोष्ण जलवायु वाला क्षेत्र मँ बनै वाला चक्रवात होय छै। छोटौ चक्रवात मँ लोकल स्तर प बनै बला कम दबाब के क्षेत्र, टोरनैडो आरो बवंडर आबै छै।
उत्पत्ती केरौ स्थान आरो बनै केरौ कारण के आधार प चक्रवात सिनी क दू प्रकार बतैलौ जाय छै: उष्णकटिबंधी चक्रबात आरो शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात। उष्णकटिबंधीय चक्रवात आकर मँ छोटौ होय छै आरो एकरौ उत्पत्ती समुंद्र के ऊपर होय छै, हवा क ऊपर उठी क गुप्त गर्मी क प्रसारित होला सँ एकरा सक्ती मिलै छै। किनारे सँ आबी क टकराय जाय छै तबअ ब्यापक धनजन केरौ छति होय छै। शीतोष्ण कटिबंधी चक्रवात दूगो बिपरीत सुभाव बला हबा के राशि केरौ आपस मँ टकरैला प बनै छै आरो एकहरे आकार आम तौर प बढ़ी जाय छै, अंडाकार आकृति होय छै, जदि कोय्यो स्थान के ठीक ऊपर सँ गुजरै तबअ हुन्नअ दू बेर झौर होय छै।
चक्रवात रंग चीज धरतिये प नाय बल्कि दोसरो ग्रह सिनी प देखलौ गेलौ छै।
नाँव
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]अंगिका मँ चक्रबात शब्द मूल रूप सँ संस्कृत सँ एलौ छै, जेकरा संस्कृत मँ चक्रवात कहै छै, एकरौ मने चक्र के रूप मँ बहै बला हबा। अंग्रेजी मँ शब्द साइक्लोन होय छै, जे हेनरी पिडिंगटन नाँव के बिद्वान केरौ देलौ छेकै, शब्द के अरथ होय छै साँप के कुंडली। पिडिंगटन भारत के कलकत्ता मँ रही क चालीस गो रिसर्च परचा छपबैलौ छेलै आरो एगो थीसिसो लिखलौ छै।
अमेरिका मँ चक्रवात क हरिकेन कहै छै, जापान तट प आबै बला चक्रबात क टाइफून कहलौ जाबै छै आरो आस्ट्रेलिया मँ एकरा विली-विली कहलौ जाबै छै।