चंपानगर

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चम्पापुरी म्यूरल कृष्णबाई टेम्पल, श्री महावीरजी

चंपानगर या चम्पापुरी भागलपुर, बिहार प्रान्त के ऐगो शहर छेकै। इ अंग क राजधानी छेलै। गंगा नदी के तट प बसलो ई एगो अत्यंत प्राचीन शहर छेकै। पुराणौ मँ आरू महाभारतौ मँ ई क्षेत्र क अंग प्रदेश के हिस्सा मानलौ गेलौ छै। भागलपुर केरौ निकट स्थित चंपानगर महान पराक्रमी शूरवीर कर्ण के राजधानी मानलौ जाय छै। प्राचीन काल मँ इ नगरी क अनेक नाम छेलै जेना: चम्पनगर, चम्पावती, चम्पापुरी, चम्पा आरो चम्पमालिनी। पहिने ई शहर ‘मालिनी’ के नाम सँ प्रसिद्ध छेलै यहाँ प चंपक गाछ क बहुलता क संबंध सँ एकरौ नामकरण के साथ जोड़लौ जाय छै। चंपा नगर क समीकरण भागलपुर के समीप आधुनिक चंपानगर आरो चंपापुर नाम के गाँव से करलौ जाय छै किंतु संभवत: प्राचीन नगर मुंगेर क पश्चिमी सीमा प स्थित छै।[१][२]

कहलौ जाय छै जे यहि नगर क स्थापना महागोविन्द करलौ छेलै। वहि युग क सांस्कृतिक जीवन मँ चम्पा क महत्वपूर्ण स्थान छेलै। गौतम बुद्ध, महावीर जैन आरो गोसाला कतनै बेरी चम्पा गेलौ छेलै। १२मां तीर्थंकर वासुपूज्य क जन्म आरो उद्धार दुनू चम्पा मँ भेलौ छेलै। ई जैन धर्म क उल्लेखनीय केन्द्र आरो तीर्थ केन्द्र छेलै। दशवैकालिक सूत्र क रचना यहीं भेलौ छेलै। नगर क समीप रानी गग्गरा द्वारा निर्मित पोखर छेलै जे यात्री आरो संन्यासी लोग क विश्राम स्थल क रूप मँ प्रसिद्ध छेलै आरो जेकरौ वातावरण दार्शनिक क बाद विवाद सँ भरलौ छेलै कहलौ जाय छै जे अजातशत्रु चम्पा के अपनौ राजधानी बनैलौ छेलै। दिव्यवदन के अनुसार विन्दुसर के विवाह चम्पा के एगो ब्राह्मण लड़की के साथ भेलौ छेलै, जेकरौ संतान सम्राट अशोक छेलै।[३]

चम्पा एगो समृद्ध शहर आरो व्यापार क केंद्र भी छेलै। चम्पा के व्यापारी समुद्र मार्ग सँ व्यापार के लेली भी प्रसिद्ध छेलै।

महत्व[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

चंपापुरी क बारहमां तीर्थंकर वासुपूज्य क जन्मस्थान भी मानलौ जाय छै। मुनि धर्मघोष, मुनि पद्मरथ, अशोक आरो आंचल जेना ढेरी जैन तपस्वियों न वहां मोक्ष प्राप्त करलकै, कहे की हैय एगो सिद्धक्षेत्र छेलै, इ स्थान प चंपानला क एगो प्राचीन मंदिर देखलौ जाय छै।

औपपातिका सूत्र 2-5 के अनुसार इ प्राचीन नगर के उत्तर-पूर्व मँ एगो पवित्र उद्यान पूर्णभद्र चैत्य स्थित छेलै। कहलौ जाय छै कि जबअ महावीर चंपा गेलौ छेलै त हुनी इ चैत्य मँ निवास करलौ छैलै।

पुरातत्त्व[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

प्राचीन शहर मँ उत्तरी ब्लैक पॉलिश्ड वेयर कल्चर (700-200 ईसा पूर्व) क कब्जा छेलै, जेकरा मँ आसपास क किलाबंदी आरो खाई छेलै। हैय व्यापार आरो वाणिज्य क एगो उल्लेखनीय केंद्र छेलै।

वासुपूज्य केरौ मूर्ति[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

2014 मँ, नागालैंड के दीमापुर मँ स्थित श्रीमती सोना देवी सेठी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा भगवान वासुपूज्य क सबसँ ऊंच्चौ प्रतिमा क निर्माण आरो दान करलौ गलौ छेलै। प्रतिमा 31 फीट उच्चौ छै आरो प्रतिमा लेली पत्थर पूरा कर्नाटक लेली लानलौ गेलौ छेलै।

महाभारत मँ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

वन पर्व, महाभारत/पुस्तक III अध्याय 82 में तीर्थयात्रि सिनी के नाम क उल्लेख छै। चंपा (चम्पा) (तीर्थ) क उल्लेख महाभारत (III.82.142) मँ मिलै छै। चंपा (चम्पा) (III.82.142) केरौ बगल मँ जाय करी क आरो भागीरथी (III.82.142) मँ स्नान करै के दण्डरका (दंडर्क) (III.82.142) लेली एक हजार गोवंश दान करै क पुण्य प्राप्त होय छै।

एकरहो देखौ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

बाहरी कड़ी[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

संदर्भ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

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