इंकलाब जिंदाबाद

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इंकलाब जिंदाबाद हिन्दुस्तानी भाषा (नस्तालीक़: اِنقلاب زِنده باد, पंजाबी: ਇਨਕਲਾਬ ਜ਼ਿੰਦਾਬਾਦ) केरऽ एगो नारा छेकै, जेकरऽ अर्थ होय छै 'क्रांति के जय हो' । ई नारा क॑ भगत सिंह आरू उनकऽ क्रांतिकारी साथी सिनी न॑ दिल्ली केरऽ असेंबली में ८ अप्रेल १९२९ क॑ एगो आवाज़ी बम फोड़तें वक़्त बुलंद करन॑ छेलै । ई नारा मशहूर शायर हसरत मोहानी न॑ एगो जलसा में, आज़ादी-ए-कामिल (पूर्ण आज़ादी) केरऽ बात करतें हुअ॑ देन॑ छेलै।[१] ई नारा न॑ हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन केरऽ गतिविधि क॑ विशेष रूप स॑ अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ, भगत सिंह आरू चंद्रशेखर आज़ाद क॑ प्रेरित करलकै । स्वतंत्रता आंदोलन केरौ तारीख़वार भारतीय राजनीतिक उपन्यासों में, स्वतंत्रता समर्थक भावना अक्सर इ नारा क लगाय वला पात्रौ सिनी क विशेषता छेकै।[२]


एकरहो देखौ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

सन्दर्भ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

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बाहरी कड़ी[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]