सत्येन्द्र नाथ बोस

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सत्येन्द्र नाथ बोस
Satyendra Nath Bose

Born साँचा:जन्म तिथि
कलकत्ता, भारत
Residence भारत
Nationality भारतीय
Fields भौतिकी, बांग्ला साहित्य,
Institutions प्रेसिडेंसी कालेज, कोलकाता
Alma mater कलकत्ता विश्वविद्यालय

सत्येन्द्र नाथ बोस (1894-1974) गणितज्ञ आरू भौतिक शास्त्री छेलै। भौतिक शास्त्र मँ दू प्रकार के अणु मानलो जाय छै- बोसान आरू फर्मियान। एकरा मँ सँ बोसान सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम प ही छै।

जीवनी[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

सत्येन्द्रनाथ बोस का जन्म १ जनवरी १८९४ को कोलकाता में हुआ था। उनकी आरंभिक शिक्षा उनके घर के पास ही स्थित साधारण स्कूल में हुई थी। इसके बाद उन्हें न्यू इंडियन स्कूल और फिर हिंदू स्कूल में भरती कराया गया। स्कूली शिक्षा पूरी करके सत्येन्द्रनाथ बोस ने कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लिया। वह अपनी सभी परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक पाते रहे और उन्हें प्रथम स्थान मिलता रहा। उनकी प्रतिभा देखकर कहा जाता था कि वह एक दिन पियरे साइमन, लेप्लास और आगस्टीन लुई काउथी जैसे गणितज्ञ बनेंगे।

सत्येन्द्रनाथ बोस ने सन्‌ १९१५ में गणित में एम.एस.सी. परीक्षा प्रथम श्रेणी में सर्वप्रथम आकर उत्तीर्ण की। उनकी प्रतिभा से प्रभावित होकर सर आशुतोष मुखर्जी ने उन्हें प्राध्यापक के पद पर नियुक्त कर दिया। उन दिनों भौतिक विज्ञान में नई-नई खोजें हो रही थीं। जर्मन भौतिकशास्त्री मैक्स प्लांक ने क्वांटम सिद्धांत का प्रतिपादन किया था। उसका अर्थ यह था कि ऊर्जा को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटा जा सकता है। जर्मनी में ही अल्बर्ट आइंस्टीन ने "सापेक्षता का सिद्धांत" प्रतिपादित किया था। सत्येन्द्रनाथ बोस इन सभी खोजों का अध्ययन कर रहे थे। बोस तथा आइंस्टीन ने मिलकर बोस-आइंस्टीन स्टैटिस्टिक्स की खोज की।

उन्होंने एक लेख लिखा- "प्लांक्स लॉ एण्ड लाइट क्वांटम" इसे भारत में किसी पत्रिका ने नहीं छापा तो सत्येन्द्रनाथ ने उसे सीधे आइंस्टीन को भेज दिया। उन्होंने इसका अनुवाद जर्मन में स्वयं किया और प्रकाशित करा दिया। इससे सत्येन्द्रनाथ को बहुत प्रसिद्धि मिली। उन्होंने यूरोप यात्रा के दौरान आइंस्टीन से मुलाकात भी की थी। सन्‌ १९२६ में सत्येन्द्रनाथ बोस भारत लौटे और ढाका विश्वविद्यालय में १९५० तक काम किया। फिर शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बने। उनका निधन ४ फरवरी, १९७४ को हुआ। अपने वैज्ञानिक योगदान के लिए वह सदा याद किए जाएँगे।

संदर्भ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

बाहरी कड़ी[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

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