लिनक्स

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साँचा:Infobox OS लिनक्स यूनिक्स जैसनो ऐगो प्रचालन तन्त्र छीकै। ई ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर अथवा मुक्त स्रोत सॉफ्टवेयर के सबसे कामयाब तथा सबसे लोकप्रिय सॉफ्टवेयर छीकै। ई जीपीएल v 2 लाइसेंस के अन्तर्गत सर्व साधारण के उपयोग हेतु उपलब्ध छै। आरू हेकरो कुछ भाग यूनिक्स स प्रेरित छै। मूलतः ई मिनिक्स कु विकास करी क बनैलो गेलो छै। यूनिक्स के विकास, 1960 के दशक म ऐ.टी.&टी. के बेल प्रयोगशाला के द्वारा करलो गेलो छै। उ समय ऐ.टी.&टी. कम्पनी ऐगो नियन्त्रित इजारेदारी छेलै यहीलेली उ कम्प्यूटर कू सौफ्टवेयर नय बेचऽ सकै छेलै। वें हेकरा, सोर्स कोड के साथ, बिना शर्त, सरकार आरू विश्वविद्यालय क देय लेलकै, उ चाहे त होकरा म फेरबदल करै सकैय छै। 1980 के दशक के अयतें अयतें यूनिक्स सबसऺ लोकप्रिय, शक्तिशाली, आरू स्थिर ऑपरेटिंग सिस्टम बनी गेलै, हालांकि उ समय तक होकरो कई रूपान्तर आबी चुकलो छेलै।

यूनिक्स में एक कमी थी – इसको समझना तथा चलाना मुश्किल है। एंड्रयू टेनेनबाम, ऐमस्टरडैम में कंप्यूटर विज्ञान के प्रोफेसर हैं। उन्होंने इसकी सहायता के लिए मिनिक्स नाम का प्रचालन तन्त्र लिखा। इसमें भी कुछ कमियाँ थीं। लिनूस टोरवाल्ड फिनलैण्ड के हेलसिन्की विश्‍वविद्यालय में कम्प्यूटर विज्ञान के छात्र थे। उन्होंने मिनिक्स की कमी को दूर करने के लिए एक प्रोग्राम लिखा जो कि बाद में ‘लिनस का यूनिक्स’ या छोटे में लिनक्स कहलाया। इसका सबसे पहला कोर या करनल उन्होने 1991 में इन्टरनेट पर पोस्ट किया। तब तक रिचर्ड स्टालमेन का 'ग्नू' प्रोजेक्ट शुरू हो चुका था। लिनस टोरवाल्ड ने इससे बहुत सारे प्रोग्राम अपने लिनक्स में लिए। इसलिए रिचर्ड स्टालमेन का कहना है कि इसे 'ग्नू-लिनक्स' (GNU-Linux) कहना चाहिये। पर यह नाम, शायद लम्बा रहने के कारण चल नहीं पाया। पर इसका अर्थ यह नहीं है कि लिनक्स की सफलता में ग्नू प्रोजेक्ट का हाथ नहीं है। ग्नू प्रोजेक्ट के बिना लिनक्स सम्भव नहीं था।