लखीसराय

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साँचा:Infobox Indian Jurisdictions लखीसराय बिहार केरऽ एगो जिला छेकै। एकरऽ मुख्यालय लखीसराय छेकै। लखीसराय बिहार के महत्वपूर्ण शहरोमस छे| इ जिलाक गठन 3 जुलाई 1994क होल छेले। हेकरास पहलें ई मुंगेर जिलाम आवे छेले। इतिहासकार इ सहर के अस्तित्व के संबंध में कहे छे कि ई पाल वंश के समय अस्तित्वम एलो छले। ई दलील मुख्र रूप से यहाँकरो धार्मिक स्थल के साक्ष्य मानिक देलो जाय छे। चूंकि‍ उ समय के हिंदू राजा मंदिर बनवानेक शौकीन होवे छले, ते ऊ सन्ही ई क्षेत्र में बहुत मंदिरोक निर्माण करवैलके। इ मंदिरों में कुछ जरुरी तीर्थस्थान इ सन्ही छे - अशोकधाम, भगवती स्थान, बड़ैहया, श्रृंगऋषि, जलप्पा स्थान, अभयनाथ स्थान, अभयपुर, गोबिंद बाबा स्थान, मानो-रामपुर, दुर्गा स्थान, लखीसराय आदि। ई सन्अही अलावा महारानी स्थान, दुर्गा मंदिर भी छे।

इतिहास[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

लखीसरायक स्थापना पाल वंशम एगो धार्मिक-प्रशासनिक केंद्रोक रूपम करल गेलो छेले। यह क्षेत्र हिंदू और बौद्ध देवी देवताओं के लिए प्रसिद्ध है। बौद्ध साहित्यम एकरा अंगुत्रीक नामोस जानलो जाय छे। ई सब्द के मतलब छे – जिला। प्राचीन कालोम ई अंग प्रदेशोक सीमांत क्षेत्र छले। पाल वंश के समयम कुछ समय लेली ई राजधानीयो छले। इस स्थान पर धर्मपाल से जुडल साक्ष्यो प्राप्त होलो छे। जिलाक बालगुदर छेत्रोम मदन पाल के स्मारक (1161-1162) भी पैलो गेलो छे। ह्वेनसांग इस जगह पर 10 बौद्ध मठ होवे बारेम विस्तारोस बतएले छे। हुनखा मुताबिक इन्हा मुख रूपोस हीनयान संप्रदायक बौद्ध मतावलंबी आवे छले। इतिहासोक मुताबिक 11वीं सदीम मोहम्मद बिन बख्तियार इंहा आक्रमण करले छले। शेरशाह 15वीं सदी म ईहां शासन करलके।

प्रमुख पर्यटन स्थल[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

अशोकधाम[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

अशोकधाम हिंदू तीर्थयात्रीक पवित्र स्थानोंम से एक छे। यहांकरो शिवलिंग बड़ी बोड़ो छे। यहां खासकर महाशिवरात्रि और सावनोक महीनाम श्रद्धालुक बड़ी भीड़ होवे छे। इ जगह पर तरह के धार्मिक अनुष्ठानो होथहें रहे छे। इनमें से मुंडन बहुत लोकप्रिय है। यहां जाने के लिए लखीसराय रेलवे स्टेशन से मोटर वाहन या तांगा से जाया जा सकता है। अशोक धाम एक परच्हैं मन्दिर इस बहुत पुरानि काहानि है लखिसराय में एक चारबाहा जिस्क नाम अशोक था वो नित दिन गाय चाराने गाया करता था कि वो देख कि एक बहुत बरि शिवे लिङ धरति के अन्दर परा है तो वो उस शिवलिग को कबर्न लगा पर वो तस से मस नहि हुआ तो वो वोहि एक मन्दिर क निर्मान कर दिय तब से वो मन्दिर का नाम अशोक धाम पर् गया

जलप्पा स्थान[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

यह स्थान आसपास के क्षेत्रों के अलावा दूर-दराज के इलाकों में भी काफी प्रसिद्ध है। यह धार्मिक स्थान पहाड़ियों पर स्थित है। जलप्पा स्थान मुख्य रूप से गौ पुजा के लिए जाना जाता है। यहां खासकर हर मंगलवार को श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। यहां जाने के लिए लखीसराय से चानन क्षेत्र होते हुए जीप, टैक्सी अथवा तांगे से जया जा सकता है। पैदल तीर्थयात्री मानो गांव होते हुए लगभग दो घंटे पैदल चलने के बाद जलप्पा स्थान पहुंचा जा सकता है। साल के प्रारंभ में यहां भारी संख्या में सैलानी आते हैं।

गोबिंद बाबा स्थान[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

गोबिंद बाबा का स्थान इस पूर क्षेत्र में पूजनीय है। यह मंदिर मानो-रामपुर गांव में स्थित है। धार्मिक रूप से इस स्थान का काफी महत्व है। इस मंदिर की मुख्य विशेषता यहां का पूजा है जिसको ढ़ाक के नाम से जाना जाता है।

शृंगऋषि[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

खड़गपुर की पहाड़ियों पर स्थित यह तीर्थस्थल लखीसराय का शृंगार है। यह स्थान जिले के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। इसका नाम प्रसिद्ध ऋषि शृंगी के नाम पर रखा गया है। यहां शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है। यहां आनेवाले पर्यटकों के लिए झरना आकर्षण के केंद्र बिंदु में रहता है।

पोखरामा[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

यह एक दर्शनीय स्थान है, यहाँ बहुत सारे मंदिर और तालाब है। दुःखभंजन स्थान, काली स्थान, ठाकुरबाड़ी, क्षेमतरणी, सूर्यमंदिर और साधबाबा इस पूर क्षेत्र में पूजनीय है। यहां छठ के अवसर पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है।

अभयनाथ स्थान[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

अभयनाथ स्थान, अभयपुर गाँव के दक्षिण में पहाड़ की चोटी पर स्थित है। यह पवित्र स्थान आसपास के इलाके में काफी प्रसिद्ध है। आप इस मंदिर को मसुदन स्टेशन से देख सकते हैं। अभयपुर ग्राम निवासियों का मानना है कि "बाबा अभयनाथ" के नाम पर ही गाँव का नाम "अभयपुर" पड़ा। यहाँ हर सप्ताह के मंगलवार को काफी श्रद्धालु पूजा-पाठ करने आते हैं। यहाँ हर साल आषाढ़ के पूर्णिमा को भव्य पूजा-अर्चना होती है। यहाँ जाने के लिए आपको मसुदन स्टेशन से पैदल लगभग एक किलोमीटर पहाड़ का रास्ता करना पड़ेगा। उसके बाद पहाड़ की चढ़ाई का आनंद लेते हुए आप यहाँ पहुँच सकते हैं।

आवागमन[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

हवाई मार्ग

हालांकि यह शहर हवाई मार्ग से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा हुआ है लेकिन राजधानी पटना तक हवाई मार्ग की सुविधा है। जहां से रेल या सड़क मार्ग से लखीसराय पहुंचा जा सकता है। पटना लखीसराय से 142 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग

लखीसराय स्टेशन दिल्ली-हावड़ा मुख्य लाईन पर है। इसलिए यह शहर दिल्ली से सीधे जुड़ा हुआ है। किउल जंक्शन पास में होने के कारण यह स्थान बिहार के अन्य क्षेत्रों से भी प्रत्यक्ष तौर पर जुड़ा हुआ है।

सड़क मार्ग

यह जिला राष्ट्रीय राजमार्ग 80 पर स्थित है जो राजधानी पटना से जुड़ा हुआ है। यहां आने के लिए निजी या सार्वजनिक वाहनों का उपयोग किया जा सकता है।

surarai imamnagar

बाहरी कड़ियाँ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

साँचा:लखीसराय जिला के प्रखण्ड

साँचा:बिहार के जिले

साँचा:भारत के प्रान्त और संघ राज्यक्षेत्र