रासायनिक अभिक्रिया

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लकड़ी क जलना ऐगो रासायनिक अभिक्रिया छीकै।
ऐगो बीकर म हाइड्रोजन क्लोराइड के वाष्प म परखनली स अमोनिया के वाष्प मिलैला स ऐगो नया पदार्थ अमोनियम क्लोराइड बनतें हुए

रासायनिक अभिक्रिया म एक या अधिक पदार्थ आपस म अन्तर्क्रिया (इन्टरैक्शन) करै के परिवर्तित होय छै, आरू एक या अधिक भिन्न रासायनिक गुण वाला पदार्थ बनै छै। कोय रासायनिक अभिक्रिया म भाग लै वाला पदार्थ क अभिकारक (रिएक्टैन्ट्स) कहै छै । अभिक्रिया क फलस्वरूप उत्पन्न पदार्थ क उत्पाद (प्रोडक्ट्स) कहै छै। लैवासिय के समय स ही ज्ञात छै कि रासायनिक अभिक्रिया बिना किसी मापलो योग्य द्रव्यमान परिवर्तन के होय छै । (द्रव्यमान परिवर्तन अत्यन्त कम होय छै जेकरा मापना कठिन छै)। हेकरै द्रव्यमान संरक्षण के नियम कहै छै। अर्थात कोय रासायनिक अभिक्रिया म नय तय द्रव्यमान नष्ट होय छै न ही बनै छै; खाली पदार्थ के परिवर्तन होय छै।

परम्परागत रूप से उन अभिक्रियाओं को ही रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं जिनमें रासायनिक बन्धों को तोडने या बनाने में एलेक्ट्रानों की गति जिम्मेदार होती है।