बारूद

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ऐगो सिक्का के साथ बारूद के काला पाउडर
चीन के युआन राजवंश काल म सन् १२८८ (अनुमानित) काल के ऐउ हस्तचलित तोप

बारूद ऐगो विस्फोटक रासायनिक मिश्रण छीकै। हेकरा गन पाउडर (gunpowder) या अपनो काला रंग के कारण काला पाउडर (black powder) भी कहै छै। बारूद गंधक, कोयला एवं शोरा (पोटैसिअम नाइट्रेट या साल्टपीटर) के मिश्रण होय छै, आरू ई मानव इतिहास के सर्वप्रथम निर्मित विस्फोटक छेलै। बारूद कु प्रयोग पटाखों आरू नोदक (प्रोपेलन्ट) के रूप म अग्निशस्त्रों (firearms) म करलो जाय छै ्। बारूद चिंगारी पावी क तेजी स जलै छै, जेकरा स भारी मात्रा म गैस आरू गरम ठोस पैदा होय छै।[१]

आधुनिक काल में बारूद एक "कमजोर विस्फोटक" (low explosive) के रूप में जाना जाता है क्योंकि विस्फोट होने पर यह अपश्रव्य तरंगें (subsonic) पैदा करता है न कि पराश्रव्य तरंगें (supersonic)। इसलिये बारूद के जलने से उत्पन्न गैसे इतना ही दाब पैदा कर पाती हैं जो गोली को आगे फेंकने में सहायक होती है किन्तु बन्दूक की नली को क्षति नहीं पहुंचा पाती। किसी चट्टान के विध्वंस या किसी किले को तोडने के लिये बारूद का प्रयोग उपयुक्त नहीं होता बल्कि इनके लिये "टी एन टी" आदि अच्छे रहते हैं।

वर्तमान समय में बारूद के मानक मिश्रण में ७५% शोरा, १५% कोमल लकड़ी का कोयला तथा १०% गंधक होता है।

  1. Jai Prakash Agrawal (2010). High Energy Materials: Propellants, Explosives and Pyrotechnics. Wiley-VCH. p. 69. ISBN 978-3-527-32610-5.