बहाई धर्म

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धर्म

अब्दुल बहा, युगावतार बहाउल्लाह के ज्येष्ठ पुत्र
दिल्ली के कमल मन्दिर : ई बहाईयों के पूजास्थल छीकै जहाँ साल भर मऺ लगभग ४० लाख लोग आबै छै।
इजराइल के हाफिया मऺ स्थित 'विश्व न्याय मंन्दिर' बहाईयों के सर्वोच्च संस्था

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बहाई धर्म ऐगो स्वतंत्र धर्म छीकै जे इराक़ के बग़दाद शहर मऺ युगावतार बहाउल्लाह न स्थापित करलकै।[१][२]एकेश्वरवाद आरू विश्व भर के विभिन्न धर्म आरू पंथ कै एकमात्र आधारशिला प ज़ोर दैय छै। ई धर्म के अनुयायी बहाउल्लाह के पूर्व के अवतार बुद्ध, कृष्ण, ईसा, मूसा, जर्थुस्त्र, मुहम्मद, आदि के वापसी मानै छै। किताब-ए-अक़दस बहाई के मुख्य धार्मिक ग्रन्थ छीकै।

बहाई मतों के मुताबिक दुनिया के सभी मानव धर्मों का एक ही मूल है। इसके अनुसार कई लोगों ने ईश्वर का संदेश इंसानों तक पहुँचाने के लिए नए धर्मों का प्रतिपादन किया जो उस समय और परिवेश के लिए उपयुक्त था। बहाउल्लाह को कल्कि अवतार के रूप में माना जाता है जो सम्पूर्ण विश्व को एक करने हेतु आएं है और जिनका उद्देश्य और सन्देश है "समस्त पृथ्वी एक देश है और मानवजाति इसकी नागरिक"। ईश्वर एक है और समय-समय पर मानवजाति को शिक्षित करने हेतु वह पृथ्वी पर अपने अवतारों को भेजते हैं।

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