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ताओ-ते-चिंग

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जापान में १७७० के दशक में प्रकाशित हुई 'ताओ ते चिंग' की एक प्रति
'ताओ' के लिए चीनी भावचित्र

ताओ ते चिंग (道德經, Tao Te Ching) या दाओ दे जिंग (Dao De Jing) प्रसिद्ध चीनी दार्शनिक लाओ त्सू द्वारा रचित ऐगो धर्म ग्रन्थ छीकै जे ताओ धर्म कु मुख्य ग्रन्थ भी मानलो जाय छै। हेकरो नाम हेकरा दु विभाग के पहीनऺ शब्द क लेकऺ बनयलो गेलो छै - 'दाओ' (道, यानि 'मार्ग') आरै 'दे' (德, यानि 'गुण' या 'शक्ति') - जेकरो अंत म 'जिंग' (經, यानि 'पुरातन' या 'शास्त्रीय') लगयलो जाय छै। परंपरिक मान्यता के अनुसार लाओ त्सू चीन के झोऊ राजवंश काल म सरकारी अभिलेखि (सिरिश्तेदार या रिकॉर्ड​-कीपर) छेलै आरू वें इउ ग्रन्थ क छठी सदी ईसापूर्व म लिखने छेलै, हालांकि हेकरो रचना क असलियत प विवाद जारी छै। हेकरो सबसे प्राचीन पांडुलिपियाँ चौथी शताब्दी ईसापूर्व स मीलै छै।[]

ताओ ते चिंग ग्रन्थ का सबसे पहला वाक्य है 'जिस मार्ग के बारे में बात की जा सके वह सनातन मार्ग नहीं है'। पूरे ग्रन्थ में बार-बार इस 'मार्ग' शब्द का प्रयोग होता है और समीक्षकों में इसको लेकर आपसी बहस हज़ारों सालों से चलती आई है। इस प्रश्न के उत्तर में कि यह किस मार्ग की बात कर रहा है - धार्मिक, दार्शनिक, नैतिक या राजनैतिक - समीक्षक ऐलन चैन ने कहा है कि 'ऐसी श्रेणियाँ ताओवादी नज़रिए में एक ही हैं और इनका खंडिकरण केवल पश्चिमी विचारधाराओं में ही होता है'। ताओ-धर्मियों के अनुसार ताओ में जिस मार्ग की बातें होती हैं वह सत्य, धर्म और पूरे ब्रह्माण्ड के अस्तित्व का स्रोत है।[]

  1. Taoism: The Parting of the Way, Holmes Welch, Beacon Press, 1966, ISBN 978-0-8070-5973-9, ... Many eminent Sinologists have expressed their views on the question of who wrote the Tao Te Ching and when. To me the "who" seems more important than the "when" because it raises a dangerous question: collective authorship ...
  2. Stanford Encyclopedia of Philosophy[मृत कड़ियाँ], Metaphysics Research Lab, 1995, ... such categories form a unified whole in Daoist thinking and are deemed separate and distinct only in Western thought ...