कोरोनावायरस रोग 2019

विकिपीडिया केरौ बारे मँ

कोविड-19 (COVID-19) एक तरह के संक्रामक रोग छै, जो 2019 F1 N1 नोवेल कोरोनावायरस (SARS-CoV-2) के कारण होता है। इस रोग का पता सबसे पहले चीन के वुहान शहर में 2019 को चला था। हालांकि तब तक ये पूरी दुनिया में फैल चुका था, जिसका परिणाम 2019–20 वुहान कोरोनावायरस महामारी के रूप में सामने आया। इसकें सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना शामिल है। कुछ मामलों में मांसपेशियों में दर्द, थूक का निर्माण और गले में खराश भी देखने को मिला है। अधिकतर मामलों में हल्के लक्षण ही होते हैं और सिर्फ कुछ मामलों में ये बढ़ कर निमोनिया या कई अंगों के विफल होने तक भी पहुँच जाते हैं। जांच किए जा रहे मामलों में प्रति व्यक्ति मौतों का प्रतिशत 3.4%[कृपया उद्धरण जोड़ें] है, जिसमें व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ अलग अलग हैं।

फैलाव[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

वर्तमान में इटली, स्पेन, भारत, ब्राजील, ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके मुख्य शिकार हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोनावायरस महामारी के हमले को पर्ल हार्बर और 9/11 के हमले से भी ज्यादा ख़तरनाक बताया। डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार इसमें हम ऐसे दुश्मन से लड़ रहे है जो दिखाई नहीं देता।[१]asifal

i

संकेत और लक्षण[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

लक्षण[२] %
बुखार 87.9
सूखी खांसी 67.7
थकान 38.1
लार का निर्माण 33.4
गंध ना आना and स्वाद ना आना[३][४] 30 से 66
सांस लेने में तकलीफ 18.6
मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द 14.8
गले में खरास 13.9
सर दर्द 13.6
ठंड लगना 11.4
उलटी अथवा मितली 5.0
नाक बंद 4.8
दस्त 3.7 से 31
हेमोटाईसिस 0.9
कंजेक्टिवल रक्त-संकुलन 0.8
2019 नोवेल कोरोनावायरस के रोग लक्षण

इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति में हो सकता है कि किसी भी प्रकार का कोई लक्षण न दिखे या फ्लू जैसे कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिसमें बुखार, खांसी, थकान और सांस में तकलीफ शामिल है।[५][६][७] कुछ आपातकालिन स्थितियाँ पैदा करने वाले लक्षणों में सांस लेने में तकलीफ, सिने में दर्द या दबाव, भ्रम, जागने में कठिनाई, और चेहरे या होंठों में जलन शामिल है। यदि ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत अपनी जांच कराएं। कुछ कम सामान्य लक्षणों में छींक आना, नाक का बहना, गले में खराश होना देखा गया है। कुछ लोगों में मतली, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण भी दिखाई दिये हैं। चीन के कुछ मामलों में सीने में जकड़न और अस्वस्थता देखने को मिला था। कुछ ऐसे मामलों में जिसमें कोई अन्य लक्षण नहीं दिख रहे थे, उन्हें कोई गंध नहीं आ रहा था, या वे स्वाद पहचान नहीं पा रहे थे।[३][४] कुछ मामलों में ये बीमारी निमोनिया या कई अंगों के विफल होने तक बढ़ जाती है और मृत्यु हो जाती है। जिन लोगों में गंभीर लक्षण दिखाई दिये हैं, जिसके लिए उन्हें मैकेनिकल वेंटिलेशन की आवश्यकता पड़े, उन्हें यह लक्षण दिखने में लगभग 8 दिन का समय लगा था।

कारण[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

यह रोग SARS-CoV-2 नामक वायरस के कारण होता है, जिसे पहले 2019 नोवेल कोरोनावायरस (2019-nCoV) के नाम से जाना जाता था। यह मुख्य रूप से खांसी और छींक के दौरान निकलने वाली बूंदों से लोगों में फैलता है। वायरस के क्षय की जांच करने वाले एक अध्ययन से पता चला है कि ये तांबे पर 4 घंटे, कार्डबोर्ड पर 24 घंटे, स्टैनलेस स्टील पर 72 घंटे, और प्लास्टिक पर 72 घंटे के बाद दिखाई नहीं दिये थे। हालांकि उन वायरस का पता लगाने की दर 100% नहीं हुई और यह अलग अलग सतह पर भिन्न-भिन्न थी। (पता लगाने की सीमा ऐरोसोल के लिए 3.33×100.5 TCID50 प्रति लीटर, प्लास्टिक, स्टील और कार्डबोर्ड के लिए 100.5 TCID50 प्रति मिलिलीटर और तांबे के लिए 101.5 TCID50 प्रति मिलीलीटर था। बायेसियन रिग्रेशन मॉडल के साथ क्षय की दर का अनुमान बताता है कि यह वायरस तांबे में 18 घंटे, कार्डबोर्ड पर 55 घंटे, स्टैनलेस स्टील पर 90 घंटे, और प्लास्टिक पर 100 घंटे तक रह सकता है। 3 घंटे के प्रयोग के दौरान यह पूरे समय ऐरोसोल में दिखाई दे रहा था। यह वायरस मल में भी पाया गया है, और इसके माध्यम से इसके संचरण पर अभी शोध किया जा रहा है।

किसी इंसान से रोग फेलने की संभावना सबसे अधिक तब होती है जब उनमे बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं (चाहे लक्षण हलके कयुं न हों), लेकिन लक्षण दिखने के एक दो दिन पहले बही बीमारी फैल सकती है। जब बीमारी कम हो, तो लोग ७ से १२ दिन संक्रामक रहते हैं (यानी, बीमारी फैला सकते हैं), और अगार बीमारी अधिक हो तो दो हफते तक भी बीमारी फैला सकते हैं।

जब खांसी और छींक के दौरान निकलने वाली बूंदें जमीन या किसी सतह पर गिरते हैं, तो उस जमीन या सतह को छूकर अगर कोई व्यकती अपने मुंह या नाक को छू ले, तो ‌वह बीमार पड सकता है। लेकिन इसकी संभावना थोढी कम है,और समय के साथ यह संभावना भी घटती जाती है। यह मानना है कि यह वाीरस के फैलने का मुख्य तरीका नही है।

बीमार व्यकती के थूक मे अधिक मात्रा मे वाइरस (किठाणु) मौजूद होती है। भले यह यौन से फेलने वाली बीमारी नही है, लेकिन यह नज़दीकी संपर्क से फैल सकता है।

रोकथाम[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

क्योंकि SARS-CoV-2 के खिलाफ काम करने वाले टीकों के 2021 से पहले आने की संभावना नहीं है, इस कारण महामारी के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा इसके बढ़ने को रोकने का प्रयास कर रहा है। जिससे इलाज हेतु पर्याप्त मात्रा में चिकित्सक और चिकित्सकीय उपकरण उपलब्ध हो सके। इसी के साथ साथ चिकित्सकीय सेवा देने वालों को अत्यधिक काम न करना पड़े और इसके इलाज तथा टीके के निर्माण करने हेतु पर्याप्त समय मिल सके।[८]

बचाव के उपाय करने से संक्रमित होने की संभावना काफी कम हो जाती है। संक्रमण से बचने के लिए अन्य कोरोनावायरस के लिए छापे गए उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं:

  • जितना हो सके, घर पर रहें और यात्रा या सार्वजनिक कार्य करने से बचें।
  • अपने हाथ साबुन और गरम पानी से कम से कम 20 सेकंड के लिए धोते रहें।
  • अपने हाथ बिना धोये अपनी आँखों, नाक और मुंह को न छूएँ।

इसके अलावा समाज से दूरी बनाना भी एक अच्छी रणनीति है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों के किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने को रोका जा सकता है। इसके लिए विद्यालय और कार्यालय आदि का बंद करना, यात्रा पर प्रतिबंध लगाना और किसी भी प्रकार के भीड़ को इकठ्ठा न होने देना प्रमुख उपाय है।

WHO के अनुसार मास्क का इस्तेमाल सिर्फ उन्हें करना चाहिए, जिन्हें खांसी या सर्दी है या उन्हें जो ऐसे किसी की देखभाल कर रहे हैं, जिसे यह रोग होने का शक है। हालांकि बाद में WHO के साथ साथ अन्य कई संस्थानों ने मास्क के इस्तेमाल को सभी लोगों के लिए जरूरी बताया है।

सीडीसी और संयुक्त राष्ट्र के सलाह के अनुसार संक्रमण को रोकने के लिए सभी लोग घर पर ही रहें और केवल इलाज हेतु ही बाहर जाएँ। किसी चिकित्सकीय संस्था में जाने से पहले कॉल कर लें और किसी ऐसे जगह जाते हैं, जहां संक्रमण का खतरा हो, तो चेहरे का मास्क भी पहन लें। सर्दी या खांसी होने पर रुमाल या टिशू पेपर का इस्तेमाल करें और अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएँ। सीडीसी की सलाह है कि लोग अपने हाथ कम से कम 20 सेकंड तक साबुन या हैंड वॉश से धोएँ। खास कर टॉयलेट जाने पर या हाथ गंदे दिखने और खाना खाने से पहले या नाक साफ करने के बाद। यदि साबुन और पानी न मिले तो ही अल्कोहल वाले हाथ सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें, जिसमें कम से कम 60% अल्कोहल हो। WHO की सलाह है कि सभी लोग गंदे हाथों से अपने आँख, नाक और मुंह को छूने से बचें और सार्वजनिक जगहों पर धुकने से भी बचें।

इन्हें भी देखें[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

सन्दर्भ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]

  1. लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।[मृत कड़ियाँ]
  2. साँचा:Cite report
  3. ३.० ३.१ लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।
  4. ४.० ४.१ लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।
  5. लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।
  6. लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।
  7. लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।
  8. लुआ त्रुटि मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।

बाहरी कड़ियाँ[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]