शिन्तो धर्म

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हिरोशिमा प्रान्त, जापान म इत्सुकुशीमा मंदिर के तोरी प्रवेश द्वार, देश म तोरी के सबसऺ प्रसिद्ध उदाहरण म स एक छै। तोरी शिन्तो मन्दिर के प्रवेश द्वार क चिह्नित करै छै,आरू धर्म के पहचानै योग्य प्रतीक छै।

शिन्तो धर्म (साँचा:Lang-ja) विश्व के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। यह जापान का मूल धर्म है, तथा इसमें कई देवी-देवता हैं, जिनको कामी कहा जाता है। हर कामी किसी न किसी प्राकृतिक शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। बौद्ध धर्म के साथ इसका काफ़ी मेल मिलाप हुआ है और इसमें बौद्ध धर्म के कई सिद्धान्त जुड़कर ज़ेन सम्प्रदाय का प्रारंभ हुआ। ऐतिहासिक रूप से इसे 6वीं सदी में मान्यता मिली। एक जमाने में शिन्तो धर्म जापान का राजधर्म हुआ करता था तथा इसमें जापान के राजा को प्रधान गुरु मानते थे किन्तु दूसरे विश्व-युद्ध के बाद से ऐसा करना बन्द कर दिया गया। समुराई इसी धर्म को मानते ह। शिन्तो धर्म की कोई एक एक सहमत नियम और व्याख्यान नहीं है।हालांकि लेखक जोसेफ काली और जॉन ड्यूल ने कहा है की अगर शिन्तो धर्म की एक सामान्यतया व्याख्यान की जाए तो वह यह है की यह कामी में विश्वास करने की एक पद्धति है। कामी शिन्तो समाज में अवस्थित पारालौकिक शक्तियों को कहा जाता है। हेलेन हार्डेकर का कहना है की शिन्तो धर्म के अधिकांश सिद्धांत कामी पूजा और उनसे आधारित जीवन रीति रिवाजों और उपासना पर आधारित है। विद्वानों में यह प्रमुखता से विवाद है की शिन्तो को कब से एक प्रमुख घटना के रूप में व्याखान की जाए।एक शिंटो धर्म के विशेषज्ञ नियथियां स्मार्ट के अनुसार शिन्तो धर्म कामी धर्म और रीति रिवाजों से संबंधित है जो पहले बौद्ध धर्म के साथ एकत्रित था पर बाद में इसे शिन्तो धर्म के रूप में वर्गीकृत कर दिया गया।हालांकि शिंटो धर्म के कई वर्तमान नियम जापान में अथवा शताब्दी से प्रचलित हैं की शिन्तो को एक भिन्न धर्म की मान्यता 19वी शताब्दी में मेइजी युग में दिया गया। जापान में कामी शब्द का प्रयोग एक विशेष कामी या एक समूह के लिए किया जा सकता हैं यद्यपि इसका सही अनुवाद नही हैं फिर भी इसका प्रयोग देवता तथा आत्मा के लिए किया जाता हैं। धर्म के इतिहासकार जोसेफ कितागावा के अनुसार यह अंग्रेजी अनुवाद असंतोष जनक और गलत हैं। जापान में यह सामान्यतया कहा जाता हैं की 80 लाख कामी है, यह संख्या अनन्त की और इशारा करती हैं और शिंटो धर्मावलंबियों के अनुसार वे सभी स्थानों पर हैं किन्तु उन्हें असीमित शक्तियों से युक्त, सर्वज्ञ और अमर नही माना जाता हैं। कामी की उपस्थिति जीवित और मृत, जैविक और अजैविक और प्राकृतिक आपदा जैसे की भूकम्प सूखे और प्लेग में देखा जाता हैं। उनकी उपस्थिति सामान्यतया वायु, वर्षा, अग्नि और सूर्योदय में देखा जाता हैं।