मुंगेर के प्रमुखता

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मुंगेर के प्रमुखता भी बेगुसराय के नवलगर्थ शिलालेखों के द्वारा पुष्टि करलो गेलो छै,मुख्य म॑ निष्पादित नारायण पाल के भागलपुर प्लेट,उनको धार्मिक सहिष्णुता के निती दर्शाए छै, आरु वहां प॑ शिव आरु शक्ति संप्रदाय क॑ भक्त क॑ संरक्षण प्रदान करै छै। भारत म॑ तुर्की शासन के आगमन के बाद तक मुंगेर मिथिला के कर्नाटक वंश के प्रभाव म॑ छेलै, हालांकि बखियार खिलजी न॑ ई क्षेत्र प॑ ई 1225 म॑ कब्जा करी लेलकै,ई प्रकार स॑ मुंगेर न॑ खिलजी शासक ग्यासुद्दीन कब्जे म॑ संघर्ष आरु बाद म॑ ऐगो के बाद मुंगेर 1301-1322 के बीचों म॑ बंगाल के सूल्तान के नियंत्रण म॑ अॆलै,जेकरा लखीसराय शिलालेख के द्वारा पुष्टि करदो गेलो छै, मुंगेर मुहम्मद बिन तुगुलर के कब्जा म॑ अॆलै,जे मुंगेर म॑ कुछ समय तक दिल्ली म॑ शासन करै छेलै,1342 म॑ उत्तर भारत के पुरा उग्रवाद आयु बंगाल के स्वर्गीय अंतराल इलल्या शाह न॑ बिहार के अवसर के लाभ उठैऽते॑ हुवऽ बिहार म॑ अपनो प्रभाव स्थापित करलकै। बंगाल सुल्तान के ऐगो दिलचस्प वर्णन लखीसराय म॑ अभी भी मौजूद छै, शिलालेख 1297 के मुताबिक एक तारीख के उल्लेख छै।