2027 केरौ भारत के जनगणना
| 16th census of India | ||
|---|---|---|
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Logo of the Census of India | ||
| General information | ||
| Country | India | |
| Authority | RGCCI | |
| Website | censusindia.gov.in | |
| Results | ||
भारत के २०२७ केरौ जनगणना, जे १६मा भारतीय जनगणना छेकै, क दू चरण मँ करै केरौ योजना छै: एगो घर-घर के गिनती केरौ चरण आरू दोसरौ जनसंख्या के गिनती केरौ चरण। हालांकि शुरू मँ घर-घर के गिनती अप्रैल २०२० मँ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अपडेट केरौ साथे शुरू होय वाला छेलै, आरू जनसंख्या के गिनती ९ फरवरी २०२१ क, मगर ई लगातार टाललो जाय रहलौ छै। ई राष्ट्रीय जनगणना अपनौ मूल २०२१ केरौ शेड्यूल सँ ढेरौ देरी के बाद, अब १ मार्च, २०२७ क शुरू होय लेली तय करलो गेलौ छै। ई १६मा जनगणना मँ १९३१ के बाद पहलौ दाफी जाति के गिनती (जाति जनगणना) करलो जैतै।[२]
कुछ क्षेत्र, जेना कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश आरू उत्तराखंड, मँ जनगणना १ अक्टूबर, २०२६ सँ पहिने ही शुरू होय जैतै। ई जनगणना के उम्मीद छै कि ई २०२९ केरौ आम चुनाव लेली लोकसभा केरौ सीट के पुनर्वितरण (delimitation exercise केरौ हिस्सा के रूप मँ) केरौ आधार बनतै।
सितम्बर २०१९ मँ, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह नँ कहने रहै कि २०२१ केरौ राष्ट्रीय जनगणना एगो मोबाइल फोन एप्लिकेशन के माध्यम स पूरा तरह डिजिटल रूप सँ करलौ जैतै, आरू १६ भासा मँ करैलौ जैतै। फरवरी २०२१ मँ, केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नँ २०२१ केरौ केन्द्रीय बजट मँ जनगणना लेली ₹३७.६८ अरब (४५० मिलियन अमेरिकी डॉलर) आवंटित करलकै।
भारत मँ COVID-19 महामारी के कारण एकरा २०२२ तलक टाललौ गेलै आरू फेरू २०२३ तलक टाललौ गेलै। प्रशासनिक सीमा क ३० जून २०२३ तलक स्थिर (freeze) करै के समय सीमा क आगू बढ़ाबै के बाद, आरू २०२४ केरौ आम चुनाव के कारण, २०२३ केरौ शुरुआत मँ ई साफ होय गेलै कि जनगणना २०२४ केरौ अंत स पहलें नै हुअय सकतै। ई जुलाई २०२३ मँ तबअ पुष्टि होय गेलै, जब भारत सरकार नँ प्रशासनिक सीमा क स्थिर करै लेली समय सीमा क १ जनवरी २०२४ तलक बढ़ाय देलकै, जेकरा स २०२४ केरौ भारतीय आम चुनाव स पहलें जनगणना करै के संभावना समाप्त होय गेलै।
२० सितंबर २०२३ क, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह नँ महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान जानकारी देलकै कि जनगणना आरू परिसीमन (delimitation) केरौ काम २०२४ केरौ लोकसभा चुनाव के बाद हुअय सकअ छै। ३० दिसंबर २०२३ क, प्रशासनिक सीमा क स्थिर करै के समय सीमा क फेरू स ३० जून २०२४ तलक बढ़ाय देलो गेलै, जेकरा स जनगणना कम स कम अक्टूबर २०२४ तलक टाली देलो गेलै, कैन्हेंकि जनगणनाकर्मी क चिन्है आरू प्रशिक्षित करै मँ तीन महीना तलक के समय लगी जाय छै।
जानकारी जौरो करना
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]मकानो के सूची
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]घर केरो सूचीकरण अनुसूची मँ ३१टा सवाल छै।
| No. | Information |
|---|---|
| 1 | Building Number (Municipal, local authority or census number) |
| 2 | Census House Number |
| 3 | Predominant material of floor, wall and roof of the census house |
| 4 | Ascertain use of census house |
| 5 | Condition of the census house |
| 6 | Household number |
| 7 | Total number of persons normally residing in the household |
| 8 | Name of the head of the household |
| 9 | Sex of the head of the household |
| 10 | Whether the head of the household belongs to SC/ST/Other |
| 11 | Ownership status of the census house |
| 12 | Number of dwelling rooms exclusively in possession of the household |
| 13 | Number of married couple(s) living in the household |
| 14 | Main source of drinking water |
| 15 | Availability of drinking water source |
| 16 | Main source of lighting |
| 17 | Access to latrine |
| 18 | Type of latrine |
| 19 | Waste water outlet |
| 20 | Availability of bathing facility |
| 21 | Availability of kitchen and LPG/PNG connection |
| 22 | Main fuel used for cooking |
| 23 | Radio/Transistor |
| 24 | Television |
| 25 | Access to Internet |
| 26 | Laptop/Computer |
| 27 | Telephone/Mobile phone/Smartphone |
| 28 | Bicycle/Scooter/Motorcycle/Moped |
| 29 | Car/Jeep/Van |
| 30 | Main cereal consumed in the household |
| 31 | Mobile number |
जनगणना
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]घर के जनगणना होला के छह-आठ महिना के अंतराल पर जनसंख्या केरो गणना होय छै। जनगणना करैके दोसर चरण मँ, हर जनो के गिनती होय छै आरू ओकरो उमर, बियाह के स्थिति, धर्म, अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति, मातृभाषा, शिक्षा केरो स्तर, विकलांगता, आर्थिक गतिविधि, प्रवासन, आरू जनन क्षमता (महिला लेली) जैसनका व्यक्तिगत जानकारी जमा करलौ जाय छै।
| No. | Information |
|---|---|
| 1 | Gender |
| 2 | Age |
| 3 | Marital status |
| 4 | Child (for female) |
| 5 | Religion |
| 6 | Social group (SC, ST, OBC, Others) |
| 7 | Language (mother tongue and multilingualism) |
| 8 | Education |
| 9 | Physical disability |
| 10 | Economic activity |
| 11 | Migration |
गिनै के तरीका
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]डिजिटल गणना
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]अप्रैल २०१९ मँ, डेटा उपयोग करै वाला केरो एगो सम्मेलन मँ ई ऐलान करलो गेलै कि ३.३ मिलियन ('3.3 million') जनगणना करय वाला ('enumerators') के भर्ती करलौ जैतै आरू हुनी सब क॑ अपनऽ स्मार्ट फोन ('smart phones') के उपयोग करै लेली प्रोत्साहित करलऽ जैतै, हालाँकि कागजी विकल्पो ('paper option') उपलब्ध रहतै, जेकरा बाद में जनगणना करय वाला क॑ इलेक्ट्रॉनिक रूप सं ('electronically') जमा करै के होतै।
जनगणना केरऽ ई काम के दौरान एगो जनगणना पोर्टल ('census portal') खोललऽ जैतै, जेकरा सं लोग अपनो फोन नंबर सँ लॉग इन ('log in') करी क॑ खुद ही अपनऽ गिनती करअ सकै छै। जनगणना करै लेली एगो मोबाइल ऐप ('mobile app') बनाबै के संगे-संगे जानकारी जमा करै लेली जनगणना पोर्टल ('census portal') के निर्माण करै के मकसद ई काम में कागज के रिकॉर्ड ('paper records') क॑ खत्म करै के छै, जेकरा सँ भारत, वियतनाम ('Vietnam') आरू एस्वातिनी ('Eswatini') के संगे, ई प्रयास करय वाला कुछ ही देशऽ मँ सँ एगो बनी जैतै।
एन.पी.आर. (NPR)
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर क ई जनगणना सँ जोड़लौ जैतै। एनपीआर क अप्रैल सँ सितंबर २०२० के बीच जनगणना के पहिलका चरण साथें अपडेट करलौ जाय वला रहै, मगर ओकरा भी अनिश्चित काल लेली टाली देलौ गेलौ छै। २४ दिसंबर २०१९ क, केंद्र सरकार पूरा भारत भर मँ एनपीआर के अपडेट करै लेली ₹३९.४१ अरब (२०२३ मँ ₹४९ अरब या यूएस $५८० मिलियन के बराबर) क मंजूरी देलै छै।
जाति गणना
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]ईसवी सन् 2011 में भेल 15म भारतीय जनगणना, 1931 के बाद पहिल बेर Socio-Economic आ Caste Status के आधार पर जनसंख्या के अनुमान लगाबै के कोसिस करलकै। मगर, जहिया गणना उत्तर दै वाला के घोषणा के आधार पर भेलै, ओकरा सँ लाखों-करोड़ों जाति/उप-जाति वर्ग के निर्माण भेलै। 16मा भारतीय जनगणना लेली, सरकार एकरा बदलतै, हर राज्य द्वारा देलो गेलो शिक्षा सँ वा सामाजिक रूप सँ पीछू पड़लो जाति सब (जेकरा Other Backward Class कहलो जाय छै) के सूची पर आधारित गणना के विचार करी रहलौ छेलै।. मगर, फरवरी २०२० मे, भारत सरकार २०२१ कें जनगणना केरो हिस्सा केँ रूप मँ ओबीसी डेटा कें माँग ठुकराय देलकै।
सितम्बर २०१८ मँ, तत्कालीन गृह मंत्री, राजनाथ सिंह, घोषणा करलैथ कि २०२१ केरौ जनगणना मँ, १९३१ केरौ जनगणना के बाद, पहिलऽ बार अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) केरौ डेटा शामिल करलऽ जैतै। ई घोषणा के बावजूद, जुलाई २०१९ मँ पेश करलऽ गेलऽ प्रश्नावली मँ कोई खास OBC श्रेणी नै छेलै।
महाराष्ट्र विधानसभा, ओडिशा विधानसभा, आरू बिहार विधानसभा सहित कई राज्य विधान सभा न॑ OBC डेटा जमा करै लेली प्रस्ताव पारित करलकै, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार न॑ एन्हऽ प्रस्ताव पारित करै केरौ विपक्ष केरौ माँग क॑ खारिज करलकै। २९ फरवरी २०२० क॑, केंद्र सरकार न॑ राज्य सब केरौ माँग के बावजूद जाति जनगणना करै स॑ मना करै देलकै।
केंद्र केरौ इनकार के बावजूद, महाराष्ट्र केरौ विधायक सब कम स॑ कम राज्य मँ जाति आधारित जनगणना करै प॑ अड़लऽ छेलै।OBC जनगणना के समर्थन में जम्मू-कश्मीर में विरोध मार्च निकाललौ गेलै। राज्य मंत्री, सामाजिक न्याय आरू अधिकारिता, रामदास आठवले नँ भी भारत में हर एक जाति के गणना करै के मांग करलकै।
6 जून 2022 के बिहार सरकार नँ जाति सर्वेक्षण करै लेली अधिसूचना जारी करलकै, आरू सर्वोच्च न्यायालय में एकरा खिलाफ याचिका खारिज होय के बाद 7 जनवरी सँ डेटा जमा करै शुरू करलकै। 2 अक्टूबर के बिहार सरकार नँ सर्वेक्षण के प्रारंभिक डेटा जारी करलकै, आरू पूरा विस्तृत रिपोर्ट 7 नवंबर 2023 के राज्य विधानसभा में सार्वजनिक करलौ गेलै। 26 जून 2024 के, तमिलनाडु विधानसभा नँ केंद्र सरकार सँ जनगणना के काम के साथे-साथे जाति आधारित जनसंख्या जनगणना तुरंत शुरू करै लेली एगो प्रस्ताव सर्वसम्मति सँ पास करलकै, मुदा, मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन नँ बिहार शैली के जाति सर्वेक्षण करै सँ मना क' देलकै, कै कि राज्य सरकार द्वारा सर्वेक्षण के आधार प' आरक्षण में करलौ गेलौ कोनो भी बदलाव कें अदालत द्वारा खारिज करलौ जा सकै छै, आरू ई तर्क देलकै कि पूर्ण जनगणना कानूनी रूप सँ खाली केंद्र सरकार द्वारा जनगणना अधिनियम, 1948 के तहत करलौ जा सकै छै। जुलाई 2024 में, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान नँ 2021 के जनगणना के हिस्सा के रूप में जाति जनगणना करै के मांग के समर्थन करलकै, मुदा, ओकरो डेटा सार्वजनिक रूप सँ जारी करै के विरोध करलकै, कै कि ओकरा विश्वास छै कि ई समाज में बँटवारा लानतै।
२०२४ के आम चुनाव के दौरान, जातिगत जनगणना के शामिल करै ल कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी इंडिया गठबंधन के एगो मुख्य माँग बनी गेलऽ रहै।
३० अप्रैल, २०२५ के, राजनीतिक मामला पर मंत्रिमंडल समिति (Cabinet Committee on Political Affairs) आवै-बला जनगणना अभ्यास में जाति गणना (जाति जनगणना) के शामिल करै के फैसला करलकै।
देरी
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]२०२१ केरौ जनगणना (Census) भारत मँ पहिलौ जनगणना छै जेकरा ब्रिटिश राज केरौ १८७२ ईसवी मँ शुरू होयलाकें बाद रोकलौ गेलौ छै। दोसरौ विश्वयुद्ध के समयौ (during), १९४१ मँ भारत केरौ जनगणना तय समय पर करलौ गेलौ रहै, हालांकि १९३१ केरौ जनगणना के विस्तृत रिपोर्ट के तुलना मँ १९४१ केरौ परिणामौ (results) केरौ तालिका अधूरा (incomplete) रहै।
जनगणना शुरू करै के पहिलें नियम के अनुसार प्रशासनिक इकाई (administrative units) केरौ सीमा के स्थगित (frozen) करै के रहै; ई पहिलें ३१ दिसंबर २०१९ कें होय के रहै, जेकरा मँ राज्य सब कें ई बदलाव (changes) केरौ जानकारी (update) भारत के रजिस्ट्रार जनरल (Registrar General of India) कें ३१ जनवरी २०२० तक देय के रहै। आवास सूचीकरण चरण (house listing phase) या जनगणना केरौ पहिलौ चरण, जेकरा मँ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) भी शामिल रहै, ओकरा १ अप्रैल २०२० सँ ३० सितंबर २०२० के बीच करै के रहै, जेकरा बाद फरवरी २०२१ मँ जनसंख्या गणना (population enumeration) या दोसरौ चरण आ मार्च २०२१ मँ संशोधन दौर (revision round) करै के तय करलौ गेलौ रहै। लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद, केन्द्रीय सरकार जनगणना केरऽ हाउस लिस्टिंग चरण के काम क॑ स्थगित करी देलकै, जैकरा बाद पूरा जनगणना क॑ ही 2022 तलक टाललऽ गेलऽ। मुदा, 2022 म॑ भी जनगणना कहियो नै भेलै, काहेकि ई बार-बार विलंबित होय गेलऽ।
प्रशासनिक सीमा क॑ स्थिर करै के समय-सीमा पहलें 31 दिसंबर 2020 तलक बढ़ावलऽ गेलै, फेर 31 मार्च 2021 तलक, एकरऽ बाद 30 जून, फेर ओही साल के 31 दिसंबर तलक बढ़ावलऽ गेलै, जैकरा बाद ई 30 जून 2022 तलक बढ़ावलऽ गेलै, ओकरऽ बाद ई 31 दिसंबर 2022 तलक बढ़ावलऽ गेलै, आरू फेर 30 जून 2023 तलक एगो आरू विस्तार देलऽ गेलै। ओकरऽ बाद ई काम क॑ 1 जनवरी 2024 तलक एगो आरू विस्तार देलऽ गेलै, एकरऽ बाद ई 30 जून 2024 तलक फेर स॑ बढ़ावलऽ गेलै।
सरकारी अधिकारी सिनी क॑ उद्धृत करतें एगो रायटर रिपोर्ट के आधार प॑, ई उम्मीद करलऽ जाय रहलऽ छेलै कि जनगणना सितंबर 2024 म॑ शुरू होतै, मुदा ई समय-सीमा लेली अंतिम मंजूरी नै मिललऽ छै।
देरी के कारण
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]जे शुरू में समय सीमा बढ़ैलऽ गेलै, ओकर आधिकारिक कारण कोरोना महामारी (COVID-19 pandemic) बताय गेलऽ छेलै, लेकिन एकरा लेली आलोचना हुअै छै कैन्हेंकि २०२१-२२ मँ पड़ोसी देश बांग्लादेश आरू नेपाल सहित एशिया के बारह गो देश अपनऽ दशवर्षीय जनगणना करी सकलऽ छेलै। द हिंदू के एगो विश्लेषण मँ ई पता चललै कि मार्च २०२० के बाद १४३ देश अपनऽ जनगणना करी चुकलऽ छेलै, आरू दुनिया के दस सबसँ बेसी आबादी वाला देशो मँ भारत मात्र दू गो देशो मँ सं एक छै जे अपनऽ नियमित जनगणना अभ्यास अभी तक नै करलकै, आरू ओही समय दोसरो देश नाइजीरिया छेलै।
आलोचक सभ जनगणना के देरी के कारण ई भी बतलाबै छै जे ईकरा एनपीआर (NPR) अभ्यास सँ जोड़लो गेलो छै, जेकरा विवादास्पद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) दन्नें चलै वाला पहिलो डेग मानलो जाय छै। एनपीआर के अपडेट करै के फैसला आरू पूरा देश भरी मँ एनआरसी लगाबै प विचार-विमर्श, सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन के कुछ प्रमुख मुद्दा रहलौ छै । जातिगत जनगणना के माँग क भी लगातार देरी के एगो वजह मानलो गेलो छै ।
देरी के असर
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]जनगणना केरऽ लगातार टलै स॑ बहुतो टिप्पणीकार आरू अखबार केरऽ सम्पादकीय मँ ई बात केरऽ मांग करलऽ जाय रहलऽ छै कि एकरा तुरंत करवाय जाय, काहे कि जनगणना स॑ मिललऽ जानकारी ही देश केरऽ सटीक आँकड़ा (granular data) पाबै केरऽ एकमात्र तरीका छै। सैम्पल सर्वेक्षण स॑ खाली राज्य या देश भरि केरऽ आँकड़ा मिलै छै, गली, गाँव या ब्लॉक स्तर केरऽ नै, आरू ई सब सर्वेक्षण मँ भी कुछ जनगणना केरऽ आँकड़ा पर ही निर्भर करै छै।
जनगणना केरऽ आँकड़ा केरऽ कमी नीति-निर्माता (policy-makers) लेली एगो बड़ऽ बाधा मानलऽ जाय रहलऽ छै, काहे कि एकरा बिना, हुनी सिनी क॑ स्थानीय स्तर केरऽ योजना लेली पुरानऽ जनगणना केरऽ आँकड़ा पर भरोसा करै पड़ै छै। भारत मँ सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) आरू एनएफएसए (NFSA) ज॑सनऽ बहुतो महत्त्वपूर्ण कल्याणकारी योजना जनगणना केरऽ आँकड़ा पर निर्भर छै, आरू पुरानऽ आँकड़ा होय के कारण बहुतो संभावित लाभार्थी (beneficiaries) ई योजना स॑ वंचित भ गेलऽ छै। जनगणना केरऽ आँकड़ा बिना, साक्षरता, आवास, प्रजनन क्षमता, शहरीकरण आदि ज॑सनऽ प्रमुख मापदंडो केरऽ उपयोग करी क॑ सरकारी हस्तक्षेपो केरऽ परिणाम क॑ सही साबित करना भी कठिन छै।. जनगणना केरऽ नया डेटा नै होय के कारण SC/ST आबादी के लेलऽ आरक्षण के मात्रा आरू चुनाव के वास्ते निर्वाचन क्षेत्र के सीमांकन (Delimitation) प॑ भी असर पड़ै छै।
अंतिम परिणाम
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]अगस्त 2024 म॑ रॉयटर्स न॑ खबर देलकै कि गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) सितम्बर 2024 म॑ भारत केरऽ 2024 जनगणना (2024 Census of India) कराबै लेली तैयारी करी रहलऽ छेलै। देर होय के बाद, भारत सरकार (Government of India) जून 2025 म॑ ई घोषणा करलकै कि घर क गिनती (House listing) केरऽ चरण अक्टूबर 2026 म॑ शुरू होयतै, आरू जनसंख्या कऽ गणना (Population enumeration) मार्च 2027 लेली निर्धारित करलऽ गेलऽ छै। जनगणना पूरा करै म॑ आमतौर प॑ एक साल स॑ जादा क समय लगै छै, एकरऽ अस्थायी परिणाम (Provisional results) 2027 केरऽ अंत तक आबै के उम्मीद छै, जबकि अंतिम रिपोर्ट 2028 केरऽ अंत तक आबै के संभावना छै।.
ई भी देखौ
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]- Bihar caste-based survey 2023
- Caste census
References
[संपादन | स्रोत सम्पादित करौ]- ↑ मोड्यूल:Citation/CS1/Utilities में पंक्ति 38 पर लुआ त्रुटि: bad argument #1 to 'ipairs' (table expected, got nil)।
- ↑ https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2133845
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